Shikha MMay 26, 20211 minतुझ जैसीएक आस थी ऐसी जो तुझ मे बसी, दुनिया में कुछ कर जाने की , सपने थे बेशुमार आखो में, लिए चमकीली रौशनी, हर पल नया था हर पल में उमगं थी…………..l...
Shikha MApr 29, 20212 min घर सा छोंका जब बचपन में खेला उसे खेल में, तब न जान ते थे की क्या था वो l खेल खेल में बनाया खाना, कही पत्ते कही मिट्टी सेl समझ आयी तो सिर्फ खशुबु आयी...
Shikha MApr 29, 20211 min क्योंकि आप समझदार हैएक बड़ा ही अजीब सा वाकया था वो जब हम मिले किसी अजनबी से। कहने को थे उम्र में छोटे उनसे हमें लगा उनमे समझदारी बड़ी होगी बड़े जो थे हमसे समय...
Shikha MApr 29, 20211 min संकल्प रिश्तो कासंकल्प है ज़िन्दगी में की मायूस न होंगे कभी; किसी की आशा या किसी की निराशा से न बांधेगे खुद को कभी l चाहे पिता की छाया हो या माँ का प्यार;...